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बरसात की एक-एक बूँद को संरक्षित करना आज की सबसे बड़ी जरूरत

बरसात की एक-एक बूँद को संरक्षित करना आज की सबसे बड़ी जरूरत

ग्वालियर:- बरसात की एक-एक बूँद को संरक्षित करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। पानी की उपयोगिता को समझते हुए जनपद पंचायत डबरा में जल संरक्षण के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जनभागीदारी से तालाबों का जीर्णोद्धार, नए तालाबों का निर्माण और वृक्षारोपण प्रशासन, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से किया जा रहा है। 12 से अधिक नए तालाबों का निर्माण तथा हर ग्राम पंचायत में जल संरक्षण और जल संवर्धन के कार्य हाथ में लिए जाकर सभी के सहयोग से उसे अमलीजामा भी पहनाया जा रहा है। सभी ग्राम पंचायतों में वृक्षारोपण के कार्यों को भी हाथ में लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है।


जल संरक्षण और वृक्षारोपण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिले की ग्राम पंचायतों में जल सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। जिले में 24 जून से 29 जून तक सभी ग्राम पंचायतों में सम्मेलन आयोजित कर जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के लिए जन भागीदारी के साथ कार्य करने का विशेष अभियान चल रहा है। जिले की जनपद पंचायत डबरा में 68 ग्राम पंचायतों में जल संवर्धन के कार्यों में ग्रामीणों के द्वारा श्रमदान भी किया जा रहा है। डबरा जनपद में 12 नए तालाबों का निर्माण भी जन सहयोग और श्रमदान के माध्यम से किया जा रहा है।
डबरा एसडीएम श्रीमती जयति सिंह के विशेष प्रयास से वृक्षारोपण के कार्यों को भी बड़े पैमाने पर हाथ में लिया गया है। जौरासी की पहाड़ी के साथ ही जनपद के अन्य क्षेत्रों में भी जन भागीदारी से बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के कार्य हाथ में लिए गए हैं। जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण के कार्यों में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ ग्रामवासियों का भी सहयोग मिल रहा है।


एसडीएम श्रीमती जयति सिंह के नेतृत्व में बुधवार को ग्राम पंचायत लोहगढ़ में श्रमदान के माध्यम से तालाब के गहरीकरण का कार्य किया गया। इस कार्य में पंचायत के सभी ग्रामवासियों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की। प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामवासी जल संवर्धन के लिए श्रमदान कर तालाबों को व्यवस्थित करने का कार्य कर रहे हैं। लोहगढ़ के किले पर स्थित ऐतिहासिक बावड़ी के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव भी पुरातत्व विभाग को भेजा जा रहा है।
एसडीएम श्रीमती जयति सिंह ने किले पर स्थित ऐतिहासिक बावड़ी का अवलोकन किया। बावड़ी की साफ-सफाई के साथ ही इसे व्यवस्थित करने हेतु एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर पुरातत्व विभाग को भेजने के निर्देश भी जनपद पंचायत सीईओ श्री कुलदीप श्रीवास्तव को दिए हैं। जनपद पंचायत डबरा में जिन 12 स्थानों पर जन भागीदारी से तालाबों का निर्माण एवं गहरीकरण किया जा रहा है, उनमें लदेरा, सूखापठा, जौरासी, मेहगांव, पुट्टी, सिहोना, लोहगढ़, सिरसा एवं सिसगांव शामिल हैं।
जनपद पंचायत डबरा की 68 ग्राम पंचायतों को 8 – 10 ग्राम पंचायतों का समूह बनाकर जल सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। इन सम्मेलनों के माध्यम से ग्रामवासियों को जल की उपयोगिता और वर्षा के जल को किस प्रकार संरक्षित किया जा सकता है, उसके बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण हेतु अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की समझाईश भी ग्रामीणों को दी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि डबरा जनपद क्षेत्र में किए जा रहे जल संरक्षण के कार्य को प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी एवं सीईओ जिला पंचायत श्री शिवम वर्मा के साथ गत दिवस देखा तथा कार्यों की सराहना भी की है। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण के कार्यों को हाथ में लेने के निर्देश भी दिए हैं। पंचायत प्रतिनिधियों से भी जल संरक्षण के कार्य में अधिक से अधिक भागीदारी करने का आग्रह किया है।

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