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नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की।

नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की।

ग्वालियर। जब-जब इस धरा पर अत्याचार बढ़ता है तो, भगवान अनेका-अनेक रूप धारण करके पापी, अधर्मियों और राक्षसों का विनाश कर भक्तों का उद्धार करते हैं। जब कंस का अत्याचार बड़ा तो पृथ्वी पर भगवान ने श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेकर धरा का उद्धार किया।  भगवान श्रीकृष्ण की लीला का ऐसा ही मनोहारी दृश्य देखने को मिला ग्वालियर व्यापार मेले में।

सोमवार को मेला परिसर स्थित फेसिलिटेशन सेंटर में पांच दिवसीय श्रीकृष्ण लीला की शुरुआत हुई। श्रीहरि कृष्ण रासलीला मंडल मथुरा के संस्थापक रासाचार्य स्वामी रसिया लाल शर्मा के निर्देशन में लीला का मंचन किया गया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ़, देवेंद्र शर्मा ने कलाकारों का स्वागत कर कृष्णलीला का शुभारंभ किया।
कारागार में कृष्ण जन्म,नंदगांव में मनी खुशियां
श्रीकृष्ण लीला के पहले दिन श्रीकृष्ण जन्म की लीला का भावनात्मक एवं आध्यात्मिक रूप से मनोहारी वर्णन किया गया।

सतरंगी रोशनी से जगमगाते मंच पर परंपरागत वेशभूषा में सजे-धजे पा़त्रों ने अपने प्रभावपूर्ण अभिनय से प्रभाव छोड़ते हुए दर्शकों को आनंदित किया। श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग के दौरान दिखाया गया कि कंस अपनी बहन देवकी का विवाह करके उसे ससुराल पहुंचाने जा रहा था। उसी दौरान आकाशवाणी होती है “ देवकी का अष्टम पुत्र कंस का वध करेगा “। कंस भयभीत हो जाता है। वह देवकी को मारना चाहता है, जब वसुदेवजी उसे रोकते हैं तो दोनों को मारने की कोशिश करता है लेकिन उग्रसेन उसे रोकते हैं। वह दोनों को कारागार में डाल देता है। कंस एक-एक करके देवकी के छह नवजातों का वध कर देता है। जब आठवे पुत्र के रूप में श्रीकृष्ण ने कारागार में जन्म लिया तो वसुदेवजी रात में ही उन्हें गोकुल धाम नंदबाबा के घर छोड़ आते हैं। दूसरे दिन नंदगांव में मैया यशोदा के घर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। “ नंद के घर हो रही जय…जयकार यशोदा लल्ला जायो रही …. “ और “ नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की “  बधाई गीतों से सभागार गूंजने लगता है और उपस्थित दर्शक भी झूमने लगते हैं।

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