ग्वालियर जिले में निराश्रित गौवंश के प्रबंधन की कार्ययोजना पर अमल शुरू
ग्वालियर:- सड़कों व खेतों में निराश्रित घूमने वाले गौवंश के प्रबंधन की कार्ययोजना पर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप ग्वालियर जिले में अमल शुरू कर दिया गया है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री भरत यादव ने जिला गौपालन एवं पशु संवर्धन समिति की बैठक लेकर गौवंश को रखने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक योजना पर चर्चा की। साथ ही इन कार्य योजनाओं को बेहतर बनाने के लिये सुझाव भी लिए। श्री यादव ने इस अवसर पर कहा कि जिले में गौवंश को रखने की तात्कालिक योजना पर इस ढंग से अमल करें, जिससे पूरे प्रदेश के लिए ग्वालियर जिला उदाहरण बने। बैठक में मौजूद अचलेश्वर मंदिर न्यास व अन्य संगठनों ने इसमें सहयोग का भरोसा दिलाया।
सोमवार को यहॉं कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में श्री यादव ने निर्देश दिए कि जिले में तात्कालिक रूप से गौवंश को रखने के लिये चिन्हित किए गए स्थलों पर तत्काल निराश्रित गौवंश को पहुँचाने का काम शुरू करें। उन्होंने कहा चिन्हित किए गए स्थलों पर पहले से ही पानी व चारा का पर्याप्त इंतजाम जरूर कर लें। श्री यादव ने कहा कि जिले के सामाजिक, स्वैच्छिक व व्यापारिक संगठन इस पुनीत काम में सहयोग के लिये आगे आएं। उन्होंने उपसंचालक पशुपालन को निर्देश दिए कि गैर पंजीकृत गौशालाओं को तत्परता से पंजीकृत करने की कार्रवाई की जाए। इस दिशा में पशुपालन विभाग स्वयं पहल करे।
बैठक में दिए गए सुझावों को संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि ग्रामीण अंचल में उपलब्ध चरनोई भूमि का सीमांकन कराया जायेगा, जिससे गाँव-गाँव में गौशालाओं के लिये जमीन उपलब्ध हो सके।
कलेक्टर ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि गौशालाओं के उत्पादों की दुग्ध संघ मिल्क पार्लर इत्यादि के सहयोग से ब्राण्डिंग करने के प्रयास भी किए जाएं। साथ ही गौशालाओं में उत्पादित होने वाली गोबर की लकड़ी की श्मशान पर भिजवाएं, जिससे गौशालाओं की आय बढ़े और पेड़ों की कटाई भी कम हो।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा, अपर जिला दण्डाधिकारी श्री संदीप केरकेट्टा, उपसंचालक पशुपालन डॉ. ओ पी त्रिपाठी तथा जिले की विभिन्न गौशालाओं के प्रबंधक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण व गौसेवा के काम में जुड़े समाजसेवी मौजूद थे।