धूमधाम से होगी हरीराम की बिटिया की शादी
ग्वालियर जिले के ग्राम रायपुर कला निवासी कृषक श्री हरीराम कुशवाह बताते हैं कि इधर कर्जा बढ़ा, उधर मेरी छोटी बिटिया मुन्नी सयानी हो चली। मैं दिन-रात इसी उधेड़-बुन में लगा रहता कि खेती का कर्ज भरूँ या बिटिया के हाथ पीले करूँ। दोनों ही काम नहीं बन रहे थे। पिछले तीन साल से खेती में तो कुछ बच नहीं रहा था, ऊपर से कर्जा बढ़ गया। ऐसे में नई सरकार ने तो हमारी झोली खुशियों से भर दी।
हरीराम कहते हैं कि प्रदेश में नई सरकार बनी और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही श्री कमलनाथ ने जब कर्जा माफी का ऐलान किया तो मुझे एक बारगी भरोसा ही नहीं हुआ। जब गाँव की प्राथमिक सहकारी समिति के प्रबंधक ने बताया कि सच में सरकार ने 2 लाख तक का कृषि ऋण माफ कर दिया है। तब जाकर हमें भरोसा हुआ। हरीराम अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि हमारे तो अब सारे ही काम बन गए। बिटिया की शादी धूमधाम से करेंगे और घर के अन्य काम भी नहीं रूकेंगे।
बरई निवासी श्री बदन सिंह कौरव बताते हैं कि सोसायटी का कर्जा हम अपनी खेती-बाड़ी से पटा नहीं पा रहे थे। हम जैसे किसानों को सरकार की मदद की जरूरत थी। नई सरकार क्या बनी, हमारा बोझ उतर गया।
नई सरकार द्वारा किए गए कृषि ऋण माफी के ऐलान की चर्चा ग्वालियर जिले के गाँव-गाँव में हो रही है। प्राथमिक कृषि सहकारी समिति बरई से जुड़े कृषक एक साथ बैठकर अपनी खुशियाँ बाँट रहे हैं। इस समिति के प्रबंधक श्री सोबरन सिंह बताते हैं कि कृषि ऋण माफी से बरई संस्था से जुड़े सैंकड़ों किसान लाभान्वित हुए हैं। लगभग डेढ़ करोड़ रूपए का कर्जा सरकार ने माफ किया है। बरई प्राथमिक सहकारी समिति से 16 गाँव जुड़े हैं, जिनमें बरई सहित आमी, आमा, बंगालीपुरा, भटपुरा, रायपुर खुर्द, रायपुर कला, कांसेर, नयागाँव, गोहदूपुरा, तुलाराम का पुरा, लखनपुरा, कालाखेत, समेड़ी, बसौठा, बसईकला, रेड़ाखी व मौसाखी शामिल हैं।
बरई क्षेत्र में खरीफ-रबी फसलों व सब्जियों का उत्पादन तो होता ही है। बरई का पान भी देशभर में मशहूर है। यहाँ के एक कृषक गंगाराम कहते हैं कि सरकार द्वारा किए गए कर्जमाफी के ऐलान से हम सबके होठों की लालिमा बगैर पान खाए बढ़ गई है।