मैहर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़।
सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां शारदा देवी के दर्शन व पूजा पाठ किए। देश के लाखों देवी भक्तों के आस्था का यह केन्द्र है। यह 52 शक्तिपीठ में आता है। ऐसी मान्यता है कि जब शिव सती के शरीर को ले जा रहे थे, उनका हार इस जगह गिर गया और इसलिए यह स्थान मैहर शक्तिपीठ के नाम से विश्वव्यापी हुआ। यहां पर विश्व विख्यात सरोज वादक बाबा अल्लाउद्दीन ने देवी के चरणों में रहकर संगीत की साधना की। ऐसी मान्यता है कि आल्हा व ऊदल दोनों भाई मां शारदा के अनन्य उपासक थे। आज भी अलसुबह मां शारदा देवी का जब पट खुलता है,तो देवी के सामने फूल चढ़ा हुआ मिलता है। ऐसी किवदंती है कि आज भी सबसे पहले आल्हा देवी शारदा मां के चरणों में फूल अर्पित करता है। महावीर आला-उदल को वरदान देने वाली मां शारदा देवी को पूरे देश में मैहर की माता के नाम से भक्तों के बीच में जाना जाता है। सतना जनपद में स्थित मैहर में लगभग 600 फुट की ऊंचाई वाले त्रिकूट पर्वत पर विराजमान इस आदिशक्ति के दर्शनों के लिए भक्तों को मंदिर की 1001 सीढिया चढनी पड़ती थीं। अब कई रोपवे बनने से यह कठिनाई दूर हो गयी है। दोनों ही नवरात्र में देवी के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भीड़ रहती है। इस आदिशक्ति के उपासक सुबह से उनकी दर्शन के लिए लंबी कतार में लग जाते है।
कई भक्त जगह-जगह पर पीने के लिए जल लिए खड़े मिलेगें और प्रसाद वितरण करते हुए नजर आयेगें। जिला प्रशासन ने हजारों की संख्या में चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगा कर रखा हुआ है। मंदिर प्रबंधक की ओर से भी कई प्रकार की व्यवस्था की गई है। देवी दर्शन के लिए चार पंक्तियां बनायी गई है। महिलाओं और पुरूषों की अलग-अलग करार लगाये जाते है। सुरक्षा की दृष्टि से अनेक स्थानों पर कैमरा लगा हुआ है। इन कैमरों के माध्यम से कड़ी निगरानी रखी जा रही है।